मांग और पूर्ति

धमचक मुलथानी, रतलाम

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मांग और पूर्ति

एक मित्र बोले- धमचक जी
विवाह के समय आदमी
औरत की मांग में सिंदूर भरता है
मैंने कहा – भरता है
वह बोला – बताइए ऐसा क्यों करता है
मैंने कहा- इसमें कोई क्या करें
सिंदूर नहीं तो क्या सीमेंट भरे
फिर सीमेंट का कलर हरा होता है
सिंदूर का कलर लाल होता है
जिसे भरने के बाद
आदमी पहली बार हलाल होता है
और हलाल होने की पहली शर्त है
आदमी औरत की मांग में सिंदूर भरे
फिर जीवन भर उसके मांग की पूर्ति करें
और बेचारा करता है
जो नहीं करता है
वह जीवन भर अटल बिहारी रहता है।

मूंगफली

स्कूल में बच्चों को एक दाने की
मूंगफलियां बांटी जा रही थी
यह बात मेरी समझ में नहीं आ रही थी
मैंने शिक्षक से कहा-यह मूंगफलियां
जो बच्चों में बटवाई है
बताएंगे आप, कहां से मंगवाई है
क्या इतनी पैदावार घट गई इस जमाने की
पैदा होने लग गई मूंगफलियां एक दाने की
तब शिक्षक ने मेरे प्रश्न का किया समाधान
और कहां-श्रीमान
कैसे बताऊं आपको
इस देश में बढ़ते हुए पाप को
यह मूंगफली
जब ऊपर से चली
तब पूरे चार दाने की थी
वह तो इसका एक दाना बड़े साहब खा गए
दूसरा दाना छोटे साहब पचा गए
जब दो दाने दो अफसर की दाढ़ में अटक गए
मौका पाकर तीसरा दाना
हेड मास्टर साहब गटक गए

इस तरह की व्यवस्था
चल रही सरकारी खजाने की
ऊपर से मूंगफलियां तो आती है चार दाने की
मगर भ्रष्टाचार की आंधी में बह जाती है
जनता तक आते-आते एक दाने की रह जाती है

प्रतिक्रिया

एक महिला ने एक साथ
चार बच्चों को जन्म दिया
इस घटना की
अलग-अलग हुई प्रतिक्रिया
कंजूस पति बोला-
हे भगवान यह आपने बहुत अच्छा किया
एक तो तीन डिलीवरी का खर्च बचाया
और बार-बार के झंझट से पिंड छुड़ाया

इतने में परिवार नियोजन अधिकारी गुर्राया
इस नारी ने भारतीय विधान को तोड़ा है
ऐसी महिला परिवार नियोजन की
राह का रोड़ा है
चार बच्चे वह भी एक साथ
बढ़ती आबादी पर कितना बड़ा आघात

एक आलोचक बोले-
यह तो महिला की मजबूरी है
सरासर डॉक्टर और नर्स की कमजोरी है
प्रसव पीड़ा के दौरान बच्चे हो रहे थे
तब यह लोग क्या भांग पीकर सो रहे थे
एक के बाद अपनी कला दिखाते
परिवार नियोजन के उपकरण काम में लाते
मैंने कहा – क्यों नाहक परेशान होते हो
व्यर्थ दूसरों को दोष देते हो
यह सब ईश्वर की करामात है
इतने में एक मंत्री जी बोले-
ईश्वर की क्या खाक करामात है
चार बच्चे होना मामूली बात है
फिर इस महिला की क्या औकात है
इसमें जरूर विरोधियों का हाथ है।

सूंघना

शिक्षक ने बच्चे के पिता से कहा-
आपका बच्चा
पढ़ने में है बहुत अच्छा
समय से आता है
समय से जाता है
कितना ही कठिन प्रश्न पूछो
सही-सही उत्तर बताता है
परंतु इसकी एक आदत
इसकी प्रतिभा पर दाग लगाती है
आप इसे नहला कर भेजा कीजिए
बच्चे के बदन से बू आती है

पिता ने कहा- सर
आपको बदबू आती है अगर
तो हम आपको बताते हैं सही-सही
हम बच्चे को पढ़ने के लिए भेजते हैं
सूंघने के लिए नहीं।

महंगाई का निदान

शहर के मध्य चौराहे पर
सीढ़ी के सहारे नेताजी
आसमान पर चढ़ रहे थे
सीढ़ी दर सीढ़ी आगे बढ़ रहे थे
मैंने कहा -ओ देश के कर्णधार
यह क्या कर रहे हैं
आपके लिए चुल्लू भर पानी कम था
जो आसमान से कूद कर मर रहे हैं
नेता ने ऊपर से आवाज लगाई
सुनो धमचक भाई
शायद तुम्हें ज्ञात नहीं
आकाश छूने में कोई खास बात नहीं
चुनाव में जनता से वादा किया है
तो हिम्मत नहीं हारूंगा
वस्तुओं के भाव आसमान पर जा चढ़े हैं
मैं उनको नीचे उतारूंगा।

चंदा और धंधा

एक गरीब दास मर गए
नेताजी कफन के लिए चंदा करने गए
लोगों ने उनकी सूरत शक्ल देखी
और घबराने लगे
रास्ता छोड़कर इधर-उधर जाने लगे
पलक झपकते ही
मोहल्ले में सन्नाटा छा गया
बच्चे चिल्लाए भागो -भागो
चंदे वाला आ गया
मैंने एक भागते हुए सज्जन को रोका
हाथ पकड़ कर टोका
दिन में सौ रुपए के पान चरते हो
पचास रुपए चंदा देने में मरते हो
सज्जन बोले -धमचक जी
यह नेताजी इंसानियत की हद कर गए
इस गरीबदास के नाम से
बीस बार चंदा कर गए
इनकी आदत से हम खुद शर्मिंदा हैं
जिसके लिए यह चंदा कर रहे
वह गरीबदास आज भी जिंदा है।

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