जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के लिए 15 दिनों का समय लिया। इस दौरान दुनियाभर के सवाल भारत की सरकार और सेना पर उठते रहे, लेकिन आतंक और आतंक के आकाओं को मिट्टी में मिलाने का काम ठोस नीति और रणनीति को तैयार करने के बाद 7 और 8 मई की आधी रात को पूरा किया गया।
एक लघु कथा-
संतोष जी के न आने से बड़ी दिक्कत हुई। मगर मुझे लगा ऐसी स्थिति में उनकी जगह किसी और को रखना भी ठीक नहीं, जबकि उनकी समधन काम मांगने आ गई थी। दो और औरतें भी चाह रही थीं कि उनकी जगह उनको काम पर रख लूं। संतोष जी की आर्थिक स्थिति कमजोर और ऊपर से बीमार। मुझे लगा उनसे बात करने के बाद ही अगला कदम उठाऊंगी।
पहली बार आईपीएल का खिताब जीतने वाली रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु का जीत का जश्न मातम में बदल गया। विजेता टीम के स्वागत में बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जमा हुए करीब तीन लाख लोगों की भीड़ के बीच अचानक भगदड़ मच गई और 11 लोगों की मौत हो गई।
शम्मी जैसे बड़े स्टार के मुंह पर कहने वाले एक बड़े डायरेक्टर रहे हैं, जिनका नाम है, शक्ति सामंत। वही शक्ति सामंत, जिन्होंने राजेश खन्ना की सुपरहिट फिल्मों ‘आराधना’, ‘कश्मीर की कली’ सहित 40 से ज्यादा हिंदी और बंगाली मूवीज डायरेक्ट की थीं।
पहले माना जाता था कि जो लोग बुजुर्ग हो गए हैं, वे ही धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं, लेकिन अब ये मिथक भी टूट चुका है। बुजुर्गों से ज्यादा युवा अब धार्मिक स्थलों पर पहुंच रहे हैं। मंदिरों व अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वालों में बड़ी संख्या में लड़के और लड़कियां दिखेंगे। ये इंटरनेट और सोशल मीडिया का ज़माना है, इसलिए तस्वीरें-रील्स बनाने वाली जनरेशन भी धार्मिक स्थलों पर जा रही है।
यदि एनसीपी के दोनों गुटों का विलय हो जाता है तो इसका न सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि देश की राजनीति पर भी साफ असर दिखेगा। कारण कि एक हुई एनसीपी भाजपानीत एनडीए का हिस्सा बनती है तो मोदी सरकार का बहुमत 300 के पार पहुंच जाएगा और विपक्ष के इंडी गठबंधन में यह कदम ताबूत में आखिरी कील साबित हो सकता है।
साइक्लोनर टीम अस्तित्व में आने के बाद से देश के अलग अलग कौनों में बैठे मादक पदार्थ के तस्करों तक पहुंच कर इन्हें गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल कर रही है।
क्रिकेट की लोकप्रियता अब राष्ट्र की उत्पादकता, शिष्टाचार और संवेदनशीलता को निगलने लगी है। किसी भी खेल के प्रति प्रेम स्वाभाविक है, लेकिन जब वह खेल सामाजिक विकृति और सरकारी कर्तव्यों के हरण का कारण बन जाए, तब आत्ममंथन आवश्यक हो जाता है।
राज्य के अधिकांश शहरों में प्रायः हर चौराहे पर ई-रसीद की मशीन लिए यातायात पुलिसकर्मी मुस्तैद खड़े नजर आते हैं। लगता है जैसे उनका प्रमुख कार्य अब यातायात को नियंत्रित करना नहीं, बल्कि चालान काटकर राजस्व संग्रह करना रह गया है।
बाड़मेर राजस्थान का सीमावर्ती जिला, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, रेगिस्तानी खूबसूरती और तेल भंडारों के लिए जाना जाता है, पिछले कुछ समय से एक अनूठे अभियान के लिए चर्चा में है। पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार दुर्गसिंह राजपुरोहित का आंकलन,,
भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां ऑपरेशन सिंदूर को अपने पक्ष में भुनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी व कांग्रेसाध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कभी ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाते हैं तो कभी पाकिस्तान को पहले सूचना दे दिए जाने की बात पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं।
भारतीयों के खून से खेलना पाकिस्तान को महंगा पड़ेगा। ये भारत का संकल्प है और दुनिया की कोई ताकत हमें इस संकल्प से डिगा नहीं सकती है। अगर पाकिस्तान ने आतंकियों को सपोर्ट करना जारी रखा, तो उसको पाई-पाई के लिए मोहताज होना होगा।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत कूटनीतिक रूप से बहुत बदल गया। खासकर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने तो भारत को इतने कड़वे अनुभव दिए कि यह स्पष्ट हो गया कि घर के अंदर और बाहर कौन साथ में खड़ा है और कौन नहीं?
सटीकता के साथ किया गया सैन्य हस्तक्षेप, संयमित शक्ति प्रदर्शन और सीमित समय में ऑपरेशन की समाप्ति— यह सब इस ओर इशारा करता है कि अब भारत ‘सहने’ के युग से निकलकर ‘कहने और करने’ के युग में प्रवेश कर चुका है।
राकेश गांधी,वरिष्ठ पत्रकारपाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कार्रवाई के बाद भारत ने जिस सजगता और रणनीतिक स्पष्टता के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने अपना...
सियासत और अदावत में कमजोर शरीफ इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से दो कदम आगे ही हैं। इतना ही नहीं वे युद्ध और शांति जैसे अहम मुद्दे पूल में स्वीमिंग करते हुए तय करते हैं!
अशोक गहलोत राजनीति के वो अनुभवी नाविक हैं, जिनकी नाव चाहे कितनी ही बार राजस्थान की लहरों में हिचकोले खा ले, लेकिन जब भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय सागर में कोई तूफान उठता है, वो तुरंत अपनी दूरबीन लेकर मचान पर चढ़ जाते हैं।
समझ में नहीं आ रहा कांग्रेस को क्या होता जा रहा है। कभी उसके नेता बिना सिर-पैर की बातों से बवाल खड़ा कर देते हैं तो कभी ऐसे ही बयानों की बदौलत कांग्रेस के हाथों में आती बाजी फिसलती नजर आती है।