एक दिलचस्प दावा यह भी है कि यह मॉडल सभी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगा। वहीं सरकार ने एआइ के इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए 10,372 करोड़ रुपए का बजट भी मंजूर कर दिया है।
अनुभव से सीखने की है और विरासत को और आगे ले जाने की है। चम्बल के पानी की तासीर कहें या यहां के लोगों की मेहनत की पराकाष्ठा, इतिहास में देखें तो कोटा ने जब-जब जिद पाली है कुछ करके दिखाया है।
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2025-26 के लिए बजट पेश करते हुए हालांकि सबसे बड़ा हिस्सा रक्षा मंत्रालय को दिया है, लेकिन उनसे रक्षा के लिए इससे कहीं ज्यादा की उम्मीद की जा रही थी।