स्ट्रेटेजिक टाइम आउट! और गेम चेंज

अजय अस्थाना
वरिष्ठ पत्रकार

देश में इन दिनों आईपीएल का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा है। शाम होते ही लोग टीवी के सामने बैठ जाते हैं और चौकों-छक्कों का मजा लेते हैं। मैच के दौरान स्ट्रेटेजिक टाइम आउट होता है और जब टीमें वापस मैदान पर उतरती हैं तो गेम पलट जाता है। ऐसा अनेकों बार होता है। यहीं से शुरू होता सट्टे का खेल।

360 साल पहले बना था क्रिकेट में सट्टे का कानून

करीब 6 हजार साल पहले जब भारत में सिंधु घाटी सभ्यता का विकास हो रहा था। लोग पक्के घर और सीवेज सिस्टम बना रहे थे, लगभग उसी दौरान इजिप्ट के लोगों ने खेलों पर सट्टा खेलना शुरू कर दिया था। 800 साल पहले जब एंशिएंट ओलंपिक की शुरुआत हुई, उस दौरान भी खेलों पर सट्टा लगाना काफी आम था। क्रिकेट की बात करें तो आज से 360 साल पहले 1664 में इंग्लैंड की संसद ने सट्टा खेलने पर कानून बना दिया था। हालांकि, तब से अब तक दुनिया के कई देशों में सैकड़ों कानून बने। इसके बावजूद खेलों पर सट्टेबाजी बदस्तूर जारी है। भारत में ऑफलाइन बेटिंग पूरी तरह से बैन है, लेकिन ऑनलाइन बेटिंग को अब तक रेगुलाइज नहीं किया गया है। इस कारण कई विदेशी कम्पनियां कानून की कमी का फायदा उठाकर इंटरनेट पर भारतीयों के लिए भी स्पोर्ट्स बेटिंग के ऑप्शन प्रोवाइड करती हैं। फैंटेसी गेम बेटिंग के दायरे में नहीं आते। इस मामले पर 2020 में राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि फैंटेसी ऐप यूजर की स्किल और जजमेंट का खेल है। इसमें खिलाड़ियों के आंकड़े और ग्राउंड की कंडीशन के आधार पर पैसा लगाया जाता है। इसीलिए इसे बेटिंग में नहीं गिना जा सकता। हाईकोर्ट के फैसले के बाद भारत में फैंटेसी गेमिंग का बिजनेस तेजी से बढ़ा। इस कारण ड्रीम-11 की तरह माय-11 सर्कल, मायटीम-11, बल्लेबाजी जैसी कई ऐप्स ने स्पोर्ट्स फैंटेसी के मार्केट में कदम रख दिया। सभी ऐप्स तेजी से ग्रो भी कर रहे हैं। ये करोड़ों तक जीतने का लुभावना ऑफर देकर लोगों को इसमें पैसे लगाने के लिए प्रेरित करते हैं। और इनका प्रमोशन करते हैं आईपीएल के स्टार क्रिकेटर्स।

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क्या है बेटिंग और फिक्सिंग

बेटिंग और फिक्सिंग दोनों अलग-अलग चीजें हैं। स्पोर्ट्स बेटिंग में किसी मैच के रिजल्ट या खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस पर मैच के दौरान या पहले पैसा लगाया जाता है। इसमें यूजर को नतीजे का पता नहीं रहता। इसी चीज से बचने के लिए कुछ बड़े सट्टेबाज खिलाड़ियों को इन्फ्लुएंस करते हैं और उन्हें मैच में अपने हिसाब से परफॉर्म करने के लिए पैसे देते हैं। खिलाड़ी अगर सट्टेबाज का साथ देने के लिए पैसे लेकर अपनी परफॉर्मेंस में बदलाव करता है तो उसे फिक्सिंग के दायरे में गिनते हैं। फिक्सिंग पूरी दुनिया में गैरकानूनी है। आईपीएल की बात करें तो जून 2015 में दो बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स और पहले सीजन की चैंपियन राजस्थान रॉयल्स को स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी कांड में शामिल होने के कारण दो सीजन के लिए निलंबित कर दिया गया था। दो सीजन के लिए दोनों टीमों की जगह पुणे और राजकोट की फ्रेंचाइजी ने ले ली। आईपीएल में फिक्सिंग करने के लिए 2013 में राजस्थान रॉयल्स के अजित चंदिला और अंकित चव्हाण को बैन भी किया था। इंटरनेशनल क्रिकेट में पाकिस्तान के मोहम्मद आमिर और सलमान बट्ट बैन झेल चुके हैं। 

ऐसे लगता है आईपीएल में सट्टा

आईपीएल मैच शुरू हो चुके हैं और इसी के साथ इन मैचों पर लगने वाला करोड़ों का ऑनलाइन सट्टा परवान चढ़ चुका है। कई बुकियों ने बाहर के एजेंट्स को हायर कर रखा है और पुलिस की नजरों से बचने के लिए बाहरी लोगों से शहर में ऑनलाइन सट्टे का कारोबार संचालित करवा रहे हैं। बुकी वेबसाइट और एप के जरिए हर बाल पर हार-जीत के दांव लगवा रहे हैं। ऑनलाइन खेल के फेर में सटोरियों को दबोचना पुलिस के लिए भी मुश्किल हो रहा है। पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए शातिर बुकीज ने सट्टा खिलाने का तरीका बदल लिया है। पूरा खेल हाइटेक होकर ऑनलाइन हो गया है। वेबसाइट, एप और मोबाइल पर चल रहे ऑनलाइन सट्टा बुकी कारों में बैठकर और घूम-घूम कर खिला रहे हैं। सटोरियों ने हाईटेक जमाने में खुद को भी हाईटेक कर लिया है। अब फोन पर कॉल या मैसेज के बजाय ज्यादातर बुकिंग वाट्सएप या अन्य इंटरनेट मीडिया साइट्स से ले रहे हैं। सट्टा खिलाने के लिए हाईटेक मशीनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे सीधे-सीधे बुकिंग हो जाती है। दांव जीतने पर पेमेंट की जानकारी भी इसी तरह से दी जा रही है। सटोरिए के प्लेटफॉर्म पर चलने वाले आइपीएल मैच का स्कोर अन्य लाइव स्कोर दिखाने वाले माध्यमों से ज्यादा तेज है। संभावना है कि बुकी के एजेंट क्रिकेट मैदान में मौजूद रहते हैं वहीं से हर गेंद का स्कोर उसी समय अपडेट करते हैं। इसके कारण टीवी चैनल के मुकाबले मैच का लाइव स्कोर 2-3 गेंद पहले ही आ जाता है। इसमें सट्टा भाव भी रहता है। जो हर बॉल पर अपडेट होता है। इसे देखकर खिलाड़ी बुकी को अपना दांव नोट कराते रहते हैं। लाइव अपडेट पहले होने का फायदा उठाकर सटोरिए हर बॉल के दांव बुक करके लाखों रुपए कमाते हैं।

क्या है स्पोर्ट्स बेटिंग

स्पोर्ट्स बेटिंग क्रिकेट मैच के एक एग्जाम्पल से समझते हैं। मान लीजिए भारत और पाकिस्तान का मैच चल रहा है। बेटिंग रेट भारत के जीतने पर $7000 रुपए है और पाकिस्तान के जीतने पर $3000 रुपए है। यानी भारत के जीतने पर अगर आपने 1000 रुपए लगाए और टीम जीत गई तो आपको 7000 रुपए मिलेंगे। इसी तरह पाकिस्तान के जीतने पर आपने 1000 रुपए लगाए और टीम जीत गई तो आपको 3000 रुपए मिलेंगे।

अमेरिका में लाखों करोड़ों की स्पोर्ट्स बेटिंग

2018 में अमेरिका में लीगल हुई स्पोर्ट्स बेटिंग। कई देशों की तरह अमेरिका में भी स्पोर्ट्स बेटिंग कई वर्षों तक रेगुलेटेड नहीं थी। 1992 में फेडरल कानून के तहत अमेरिका के सभी राज्यों में स्पोर्ट्स बेटिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हालांकि, 2018 में वहां के सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक हटा दी। तर्क यह था कि बैन के बावजूद जब पैसों का यह खेल चल ही रहा है तो इसे क्यों न मान्यता दे दी जाए। इस समय अमेरिका के 50 में से 38 राज्यों में स्पोर्ट्स बेटिंग को कानूनी मान्यता मिली हुई है। अमेरिकी लोगों ने 2023 में 10 लाख करोड़ की स्पोर्ट्स बेटिंग की। 2018 में सुप्रीम कोर्ट से मान्यता मिलने के बाद अमेरिका में स्पोर्ट्स बेटिंग जंगल में आग की तरह फैली। अमेरिकी गेमिंग एसोसिएशन के मुताबिक 2023 में अमेरिका में लोगों ने 119.84 बिलियन डॉलर, यानी करीब 10 लाख करोड़ रुपए की स्पोर्ट्स बेटिंग की। यह रकम 2022 की तुलना में 27.5 प्रतिशत ज्यादा है। लोगों की बेटिंग में बढ़ती रुचि से अमेरिकी बेटिंग कंपनियों का रेवेन्यू भी साल दर साल बढ़ता जा रहा है। 2023 में अमेरिकी स्ट्टेबाजी कंपनियों ने 10.92 बिलियन डॉलर, यानी करीब 90 हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया।

इस बार सनराइजर्स हैदराबाद प्रबल दावेदार!

इस बार किसके सिर सजेगा आईपीएल का खिताब अभी कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन देश के सबसे बड़े फलोदी के सट्टा बाजार ने सनराइजर्स हैदराबाद को खिताब का सबसे प्रबल दावेदार माना है। सट्टा बाजार में सनराइजर्स हैदराबाद के भाव सबसे कम हैं। फलोदी सट्टा बाजार देश में चुनाव और क्रिकेट की भविष्यवाणियों के लिए मशहूर है। पहले भी इसने दिल्ली विधानसभा चुनाव में सही अनुमान लगाकर सबको चौंका दिया था। मतगणना से एक दिन पहले बाजार ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाएगी, और ऐसा ही हुआ। अब आईपीएल-2025 की बारी है। लेकिन राजस्थान रॉयल्स के फैंस के लिए अच्छी खबर नहीं है। फलोदी सट्टा बाजार में उनकी टीम सबसे नीचे है। इसका मतलब है कि बाजार को रॉयल्स के जीतने की उम्मीद कम लग रही है। 

सट्टा बाजार में किस टीम का कितना भाव?

फलोदी सट्टा बाजार के भावों की बात करें तो सनराइजर्स हैदराबाद पहले नंबर पर है। इसके बाद मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स का नंबर आता है। इन दोनों के भाव बराबर हैं। फिर रॉयल चौलेंजर्स बेंगलुरु, गुजरात टाइटन्स, पंजाब किंग्स, दिल्ली कैपिटल्स और लखनऊ सुपर जायंट्स का नंबर आता है। सबसे आखिर में राजस्थान रॉयल्स है।

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