वर्षों से प्रतीक्षित जोधपुर एयरपोर्ट विस्तार अब साकार होने जा रहा है। यह केवल एक टर्मिनल बिल्डिंग नहीं, बल्कि जोधपुर के सपनों की उड़ान का रनवे है। वर्षों तक मरुस्थल की तपती रेत पर जो उम्मीदें झुलसती रहीं, उन्हें अब बादलों की ऊँचाई मिल रही है — और इस परिवर्तन के पायलट हैं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत।
वे न सिर्फ जोधपुर के सांसद हैं, बल्कि विकास के उस वायुदूत की भूमिका में हैं, जिन्होंने असंभव को संभव किया। जो एयरपोर्ट कल तक सीमित था, आज वह अंतरराष्ट्रीय संभावनाओं का प्रवेशद्वार बनता जा रहा है। उनके प्रयासों ने न केवल हवाई पट्टी को लंबा किया, बल्कि जोधपुर के आत्मविश्वास को भी विस्तार दिया।
यह टर्मिनल भवन जोधपुर की बदलती तस्वीर का आईना है — मल्टीलेवल पार्किंग, नाइट लैंडिंग सिस्टम, और एरो ब्रिज जैसी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित, यह अब केवल एक सुविधा नहीं बल्कि एक प्रतीक बन चुका है।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने साबित किया है कि जब नेतृत्व में दूरदृष्टि हो, तो मरुस्थल भी टेक-ऑफ कर सकता है