जोधपुर पोलो का 147 वर्ष का स्वर्णिम इतिहास

2 5 वें जोधपुर पोलो सीजन 2024 पर विशेष

अजय अस्थाना
वरिष्ठ पत्रकार

जोधपुर पोलो का लंबा इतिहास रहा है। जोधपुर के पोलो खिलाड़ियों ने पोलो मैच खेलते हुए दुनिया में अपनी अलग पहचान बनायी है। पोलो का 147 वर्ष का स्वर्णिम इतिहास हमेशा याद रखा जायेगा। यहां के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पोलो खेलते हुए जोधपुर का नाम रोशन किया। आज भी जोधपुर में पोलो के अनेक बेहतरीन खिलाड़ी पोलो से जुड़े हुए हैं।

147 वर्षों का है, जोधपुर पोलो का स्वर्णिम इतिहास

जोधपुर में पोलो की शुरुआत . 18 89 में हुई। जोधपुर पोलो टीम ने 1893 में अपनी पहली ट्रॉफी राजपूताना चैलेंज कप जीती , इस टीम में सर प्रताप, ठाकुर धौकल सिंह व कर्नल बिटसन थे। 1897 में जोधपुर टीम इंग्लैंड गई व हर्लिगम व रानेलाघ में कई मैच जीते। महाराजा उम्मेदसिंह व सर प्रताप ने जोधपुर रियासत काल में ‘जोधपुर लांसर्स‘ का गठन किया। सर प्रताप के खेल प्रेम के कारण पोलो के विकास में काफी मदद मिली। यहां कि टीम ने जहां देश में विभिन्न स्थानों पर अपने उत्कृष्ट खेल की छाप छोड़ी, वही खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें अलवर, किशनगढ़, भोपाल आदि रियासतों ने अपनी ओर से खेलने के लिए आमंत्रित किया। महाराजा उम्मेदसिंह व सर प्रताप द्वारा शुरु किए पोलो में रावराजा हणूतसिंह, महाराज प्रेमसिंह व कर्नल किशनसिंह ने अनेक देशों में पोलो खेलकर जोधपुर का नाम गौरवान्वित किया। उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन पर इन्हें खेलों के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान ‘अर्जुन अवार्ड‘ से विभूषित किया गया था। रावराजा हणूतसिंह को 1958 में पद्मभूषण व 1964 में अर्जुन पुरस्कार, महाराज प्रेमसिंह को 1961 व कर्नल किशनसिंह को 1963 में अर्जुन पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।

पटियाला को हराकर जोधपुर ऑल इंडिया चैंपियन बना

जोधपुर पोलो टीम की शुरुआत में ठाकुर हरिसिंह (हरजी) व ठाकुर धोकलसिंह अच्छे खिलाड़ी माने जाते थे। हरजी ने 1887 से 1901 तक पोलो खेला। जनरल बीटसन की सलाह पर जोधपुर लांसर्स को आगे बढ़ाने में महत्ती भूमिका निभायी। उस समय सरप्रताप, हरजी, धोकलसिंह, जनरल बीटसन की पोलो टीम बेहतरीन मानी जाती थी। 1922 में ब्रिटेन के महाराजकुमार प्रिंस ऑफ वेल्स के सम्मान में दिल्ली में पटियाला व जोधपुर की टीमों के बीच मैच हुआ जिसमें जोधपुर की टीम ने रोमांचक मैच में पटियाला की टीम को हरा ऑल इंडिया चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया । इस टीम में ठाकुर पृथ्वी सिंह बेड़ा ,दलपत सिंह रोहिट , राम सिंह व राव राजा हणूत सिंह शामिल थे । सितम्बर 1922 में सर प्रताप का निधन हो गया, लेकिन उन्होंने पोलो को जिन ऊँचाईयों पर पहुँचाया, वह ऊँचाईयाँ निरन्तर जारी रहीं।

विदेश में शानदार खेल खेला

1925 में महाराजा उम्मेदसिंह के नेतृत्व में पोलो टीम इंग्लैण्ड गई, वह अनेक प्रमुख टूर्नामेंट जीते । इस टीम में रावराजा हणूतसिंह, अभयसिंह, पृथ्वीसिंह, मेजर विलियम्स व रामसिंह शामिल थे। 1931 से 1939 तक भारतीय पोलो कप विजयी जयपुर टीम में जोधपुर के रावराजा हणूतसिंह व अभयसिंह शामिल थे। रावराजा हणूतसिंह ने 1933 में इंग्लैण्ड में जयपुर टीम में रहकर बेहतरीन प्रदर्शन किया। जोधपुर पोलो को बेहतर स्थान देने में 9 हैण्डीकेप के रावराजा हणूतसिंह का विशेष योगदान रहा है।

जोधपुर – जयपुर की संयुक्त टीम ने कई वर्षों तक विदेश में बेहतर खेल प्रदर्शन किया

1930 में महाराजा उम्मेदसिंह के पोलो से रिटायर होने के बाद जोधपुर व जयपुर दोनों ने मिलकर पोलो टीम बनायी। दोनों की टीम ने मिलकर पोलो में वर्षों तक विदेशों में अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन से धाक जमाये रखी। 1933 में हार्लिगटन ओपन, कोरोनेशन कप, इंडियन एम्पायर शील्ड, रोहेम्पना ओपन और रानले ओपन टूर्नामेंट में जीत हासिल की। यह समय भारतीय पोलो का स्वर्णकाल माना जाता था।

फ्रांस में जीता वर्ल्ड कप

1957 में भारतीय टीम में रावराजा हणूतसिंह, कैप्टन विजयसिंह व कर्नल किशनसिंह ने जयपुर महाराजा सवाई मानसिंह के साथ खेलते हुए फ्रांस के ज्यूविले में आयोजित विश्व कप जीत लिया। इन्होंने 1964 में इंग्लैण्ड में हुए अन्तर्राष्ट्रीय पोलो मैचों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इंग्लैण्ड की 14 स्पर्धाओं में से एक दर्जन बार उनकी टीम ने जीत का जश्न मनाया।

महाराज प्रेमसिंह ने पोलो में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया
अमेरिका की राष्ट्रीय ओपन पोलो में भी महाराज प्रेमसिंह ने भाग लेकर देश का नाम रोशन किया। 1961 में उन्होंने इंग्लैण्ड में खेलते हुए क्वीन्स कप प्रतियोगिता जीती। कोलकाता पोलो क्लब के शताब्दी वर्ष के दौरान 1961 में सेन्टेनरी कप प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। ब्रिगेडियर मसूद अली बेग, कर्नल सोढ़ी और कर्नल हार्पर के साथ खेलते हुए उन्होंने इस प्रतिष्ठित कप को जीतकर पुनः अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। 1937 से 1981 तक 45 वर्षों तक महाराज प्रेम सिंह ने शानदार पोलो का प्रदर्शन किया।महाराज प्रेमसिंह ने 1959 में इंग्लैण्ड में विश्व रिकॉर्ड बनाया, उन्होंने दो प्रहार में ही गोल कर दिया था। उनके प्रयासों से कोलकाता, मुंबई व चेन्नई में पोलो फिर से स्थापित हुआ। उन्होंने राष्ट्रीय आर्मी पोलो टीम को प्रशिक्षण भी दिया ।पोलो के प्रति उनके समर्पण और उपलब्धियों के लिए महाराज प्रेमसिंह को आजीवन भारतीय पोलो संघ का उपाध्यक्ष बनाया गया।

जोधपुर पोलो के आधुनिक सफर का श्रेय महाराजा गजसिंह को

 जोधपुर पोलो के आधुनिक सफर  की बात करते हैं तो इसको आगे बढ़ाने का पूरा श्रेय इण्डियन पोलो एसोसिएशन के उपाध्यक्ष महाराजा गजसिंह  को जाता है। महाराजा के मुख्य संरक्षण में जोधपुर पोलो व इक्यूस्टेरियन इंस्टीट्यूट की स्थापना के साथ ही एयरपोर्ट के पाबूपुरा रोड़ पर मार्च 1998 में हरी घास युक्त महाराजा गजसिंह स्पोर्ट्स फाउंडेशन पोलो ग्राउंड की स्थापना की जाकर जोधपुर में पोलो सेशन की शुरुआत की।  प्रति वर्ष  एक माह चलने वाले पोलो सीजन में राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के पोलो खिलाड़ी पोलो  खेलने आते हैं।

युवराज शिवराजसिंह ने पोलो को आगे बढ़ाने में भूमिका निभायी
महाराजा गजसिंह के पुत्र युवराज शिवराजसिंह जी ने भी पोलो को आगे बढ़ाने का बेहतर प्रयास किया। तीन हैण्डीकेप के युवराज शिवराजसिंह की गिनती देश के बेहतरीन पोलो खिलाड़ियों में रही है। देश व विदेश में अनेक टूर्नांमेंट खेलकर इन्होंने जोधपुर पोलो की धाक बरकरार रखी। युवराज शिवराजसिंह, इंग्लैण्ड, केन्या, दक्षिणी अफ्रीका, मिश्र और फ्रांस सहित अन्य कई देशों में खेले। उन्होंने दिल्ली में सर प्रताप कप, जे एण्ड बी बड़ौदा कप, एस.एम.एस. गोल्ड कप भी जीता ।

जोधपुर के इन पोलो खिलाड़ियों ने भी अच्छा खेल खेला
जोधपुर के तीन हैडीकेप के आर के के वी सिंह , ठाकुर हर्षवर्धन सिंह भांवरी व एक हैडीकेप के ठाकुर दिग्विजय सिंह भांवरी व जैसल सिंह ने भी अपने समय में अच्छा पोलो खेला ।

देश के श्रेष्ठ खिलाड़ी खेल रहे हैं जोधपुर पोलो सीजन में
जोधपुर पोलो सीजन में 3 हैंडीकेप के जयपुर महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह , सैयद शमशिर अली, सिद्धांत शर्मा ,अभिमन्यु पाठक, सिमरन शेरगिल , 2 हैंडीकेप के अंगद कलान , ध्रुवपाल गोदारा, सहित अनेक बेहतरीन खिलाड़ी खेल रहे है।

विदेशी खिलाड़ी भी खेल रहे है

विदेशी खिलाड़ियों में 6 हैंडीकेप के सेंटीयागो माराम्बिओ , 5 हैंडीकेप के डेनियल ऑटोमेनडी, 4 हैंडीकेप के गोंजालो यानजोन, 4 हैंडीकेप के फेडेरिको बोउडो ,4 हैंडीकेप के लांस वाटसन भी खेल रहे हैं।

जोधपुर पोलो सीजन में जोधपुर के यह खिलाड़ी खेल रहे हैं
जोधपुर के योगेश्वरसिंह भांवरी, धनन्जयसिंह रावटी, विश्वराजसिंह भाटी, निखिलेन्द्रसिंह रावटी व भूमंज्य सिंह वर्तमान पोलो सीजन में खेल रहे हैं।

25 वें जोधपुर पोलो का आयोजन 30 दिसम्बर तक

जोधपुर में इस वर्ष 27 नवम्बर से 30 दिसम्बर 2025 तक 25 वें जोधपुर पोलो सीजन का आयोजन हुआ। महाराजा गज सिंह के संरक्षण में जोधपुर पोलो व इक्यूस्टेरियन इंस्टीट्यूट के सचिव इन्द्रजीत सिंह नाथावत अपनी टीम के साथ जोधपुर पोलो में बेहतर कार्य कर रहे है।

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