जोधपुर स्थित सर्किट हाउस में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब वीआईपी गैलेरी के पास एक 7 फीट लंबा कोबरा सांप दिखाई दिया। सांप को देखकर सर्किट हाउस का स्टाफ और आगंतुक दहशत में आ गए। हर तरफ अफरा- तफरी मच गई।
स्नेक कैचर को बुलाया
घटना की जानकारी मिलते ही सर्किट हाउस प्रबंधक शरद बंसल मौके पर पहुंचे और तुरंत वन्य जीव विभाग को सूचित किया। विभाग की टीम ने स्नेक कैचर बंटी की मदद से सांप को सुरक्षित रूप से पकड़ा। इस अभियान में वन अधिकारी सुरेंद्र सिंह इंदा और उनके सहयोगी श्यामलाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पकड़े गए किंग कोबरा को हर बार की तरह कायलाना झील के जंगलों में छोड़ दिया गया।
चूहों की तलाश में निकलते हैं बाहर
आमतौर पर देश में मौजूद 80 फीसदी सांपों में जहर नहीं होता है, लेकिन खासतौर से बरसात में निकलने वाले कुछ सांप बहुत ही जहरीले और खतरनाक होते हैं। जहां तक कोबरा का सवाल है, ये सांप गर्मी, बारिश या उमस के मौसम में बिल से बाहर निकलते हैं। कोबरा देखने में काले रंग का और मोटा होता है। आक्रामक होते ही यह अपना फन उठाकर कुछ फुट तक खड़ा हो जाता है। कोबरा को चूहे बहुत ही पसंद होते हैं। बिल से बाहर आते ही अक्सर कोबरा चूहों की तलाश में जुट जाते हैं। आमतौर पर कोबरा तभी काटता है, जब यह किसी इंसान के हाथ या पैर से दब जाए, अन्यथा ये अपने रास्ते चलते रहते हैं।
कोबरा सांप कितना खतरनाक
कोबरा बहुत ही जहरीला माना जाता है। यह ताकत में किंग कोबरा के बराबर ही होता है। इसके डसते के 15 मिनट के भीतर इंसान की जान जा सकती है। ऐसे में डसे हुए इंसान को तत्काल अस्पताल ले जाना ही ठीक रहता है।